सलाहकार । How to choose your advisor#अपने सलाहकार को कैसे चुने ।


* अपने सलाहकार को कैसे चुने ।

 दोस्तो सलाहकार ये ऐसा सब्द है, जो कि हम सब के जीवन मे लागू होता है , एसा कोई व्यक्ति नही जिसे अपने जीवन मे किसी की सलाह की आवश्यकता नही पड़ी हो , कभी अपने व्यापार संबंधी या फिर अपने निजी जीवन संबंधी हमे सलाहकार की आवश्यकता पड़ती ही है ।
भीड़ हमेसा उस रास्ते पर चलती है,
जो रास्ता आसान लगता है,
लेकिन इसका मतलब यह नही,
 की भीड़ हमेसा सही रास्ते पर चलती है।
अपने रास्ते खुद चुनिए क्योकि,
 आपको आपसे बहेतर ओर कोई नही जानता।

* क्या हम सही सलाहकार चुनते है ?

       सलाहकार भी हमारे जीवन मे अलग-अलग तरह से आते है । क्या प्रत्येक सलाहकार हमारे लिए लाभदायक होता है, 

सलाहकार

1. ख़ामोखा- दोस्तो पहला सलाहकार एक ख़ामोखा व्यक्ति होता है । ख़ामोखा व्यक्ति उसे कहते है जिसे जो कि बिना कुछ भी जाने कुछ भी सलाह दे देता है। दोस्तो ऐसे व्यक्ति के पास आप सलाह लेने के लिए जाएंगे तो वह आपको बिना जानकारी के हमेसा आपको गलत ही सलाह देगा।

2.माता-पिता (mother & father)- दूसरा सलाहकार 
हमारे माता-पिता होते है। लेकिन क्या माता-पिता आपको सही सलाह देते है, दोस्तो माता-पिता हमे हमेसा सही सलाह देते है। लेकिन,
Example. आपके पिता एक किसान है, लेकिन आपको आर्मी में जाना है देश सेवा करनी है। आप अपने पिता से सलाह लोगे पापा आर्मी में कैसे भर्ती हो सकते है ।तो क्या वो आपको बता पाएंगे ।
वो आपको जरूर सलाह देंगे लेकिन पूरी नही अधूरी ।
वो आपको बोलेंगे बेटा अछि दौड़ लगाने से पढ़ाई करने से ऐसे ओर बहुत कुछ,,।

3. तीसरा व आखरी सलाहकार तीसरा सलाहकार आप चुनते है । वो आपको चुनना पड़ेगा कि कोन आपको सही सलाह दे सकता है।
जैसे-आपको आर्मी में जाना है तो आर्मी के विषय मे सही जानकारी आपको वो ही व्यक्ति सही जानकारी जो कि जिसे आर्मी के बारे में पूरी जानकारी हो जो कि आर्मी में काम करता हो।
आपको डॉक्टर के बारे में सलाह चाहिए तो आपको सिर्फ एक डॉक्टर ही सही सलाह दे सकता है। ना कि कोई अन्ये व्यकि।

उमीद करूँगा आपको जब सलाह की जरूर पड़ेगी तो आप हमेसा सही व्यक्ति से सलाह लेंगे । नाकि ख़ामोखा व्यक्ति से।

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